रविवार, 31 अक्तूबर 2021

 *दंश*


"जॉय, बंटी, इशान...आओ ना, हम लोग फुटबॉल खेलेंगे" शुभ रोज़ की तरह अपने साथियों को आवाज देकर खेलने के लिए बुला रहा था।

"नहीं यार, अभी नहीं" इशान ने बालकनी से जवाब दिया और तुरंत अंदर चला गया, सोफे पर धम्म से बैठते हुए, मोबाइल में आंखें धंसाए रहा।

बाकी बच्चे भी बाहर नहीं निकले, सभी मोबाइल गेम में व्यस्त थे, शुभ रोज़ की तरह फुटबॉल पर अकेले ही शॉट मारते हुए उदास मन से चला गया।

अगले दो-तीन दिनों तक वह दिखाई नहीं दिया, तो जॉय की मम्मी ने यूं ही पूछ लिया-

जॉय, क्या बात है आजकल शुभ नहीं दिखाई दे रहा, ठीक तो है न वह"

"बिल्कुल ठीक है मम्मी, ये देखिए, अब वो भी ऑनलाइन हो गया है"


*नम्रता सरन"सोना"*

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